हमारे शरीर का सामान्य टेंपरेचर 37 डिग्री सेल्सियस होता है। गर्मियों में, जब आसपास का तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जब हम तेज धूप या गर्म हवा में बाहर निकलते हैं तो आसपास का वातावरण हमारे शरीर के टेंपरेचर को बढ़ा देता है। जब हमारी बॉडी का टेंपरेचर नॉर्मल बॉडी टेंपरेचर यानी 37 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाता है तो इस स्थिति को लू लगना कहा जाता है।
गर्मी का मौसम आ चुका है और तेज धूप के साथ लू चलने का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे मौसम में खुद को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए दो सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं – भरपूर मात्रा में पानी पीना और दोपहर की तेज धूप से बचना.
लू लगने के मुख्य कारण:
- तेज धूप या गर्म हवा में ज्यादा देर तक रहना
- पर्याप्त पानी या तरल पदार्थों का सेवन न करना
- भारी व्यायाम या शारीरिक श्रम करना
- अत्यधिक गर्मी और उमस वाले वातावरण में रहना
- कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे मधुमेह, हृदय रोग, और उच्च रक्तचाप
लू लगने के लक्षण:
- तेज बुखार (103°F या 39.4°C से अधिक)
- गंभीर सिरदर्द
- चक्कर आना या बेहोशी
- मतली और उल्टी
- थकान और कमजोरी
- तेज सांस लेना
- त्वचा का लाल होना और पसीना आना
- मांसपेशियों में ऐंठन
पानी का महत्व
हमारा शरीर लगभग 60% पानी से बना होता है. यह हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाने और शरीर के वेस्ट पदार्थों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाता है. गर्मी के दिनों में शरीर से पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है. डिहाइड्रेशन से कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. आप अपने पेशाब का रंग देखकर हाइड्रेशन के स्तर का पता लगा सकते. गंभीर मामलों में यह किडनी फेलियर का कारण भी बन सकता है.
भरपूर पानी पीने के फायदे
- शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है.
- पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है.
- जोड़ों में दर्द की समस्या कम होती है.
- त्वचा में निखार आता है.
- थकान और कमजोरी दूर होती है.
- दिमाग तेज होता है.
- कब्ज की समस्या दूर होती है.
पानी पीने की मात्रा
हर व्यक्ति की पानी की जरूरत अलग-अलग होती है, जो उसके वजन, उम्र, शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करती है. लेकिन, आम तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए. गर्मी के दिनों में इस मात्रा को बढ़ाकर 3 से 4 लीटर तक कर सकते हैं.
पानी पीने के टिप्स
- सुबह उठते ही कम से कम एक गिलास पानी जरूर पिएं.
- पूरे दिन थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पीते रहें.
- प्यास लगने का इंतजार न करें.
- फलों और सब्जियों का सेवन करें, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है.
- ठंडा या गुनगुना पानी पिएं. बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से गले में खराश हो सकती है.
- मीठे पेय पदार्थों के सेवन से बचें. ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं.
- अगर आप व्यायाम करते हैं, तो व्यायाम से पहले, दौरान और बाद में भी पानी पीते रहें.
दोपहर की धूप से बचें
गर्मी के दिनों में दोपहर की धूप बहुत तेज होती है. इससे हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या हो सकती है. हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है, जिससे दिमाग और शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है.
दोपहर की धूप से बचने के उपाय
- दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें. अगर बहुत जरूरी हो तो छाते का इस्तेमाल करें या छायादार जगहों से निकलें.
- सूती कपड़े पहनें ये पसीने को सोखने में मदद करते हैं और शरीर को ठंडा रखते हैं.
- बाहर निकलते समय सिर पर टोपी या स्कार्फ पहनें और धूप का चश्मा लगाएं.
- तौलिया को ठंडे पानी में भिगाकर शरीर पर रख सकते हैं।
- संतरा, नींबू या मौसंबी का जूस पी सकते हैं।