पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह बम धमाके में 26 लोगों की मौत हो गई। धमाके में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है।
बम धमाके में 26 लोगों की मौत
अस्पताल के अधीक्षक ने बताया की घायलों में से 46 को सिविल अस्पताल लाया गया है, जहां उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। क्वेटा सिविल हॉस्पिटल के प्रवक्ता वसीम बैग ने बताया कि कई घायल यात्रियों की मौत अस्पताल में हुई। मारे गए लोगों में 14 आर्मी जवान और 12 आम नागरिक हैं।
हमले को मजीद ब्रिगेड यूनिट ने अंजाम दिया जो एक आत्मघाती हमला प्रतीत होता है, इस हमले में दो रेलवे पुलिस अधिकारी, हेड कांस्टेबल गुलाम रसूल जमाली और भोरल खान भी घायल हो गए।
उनका निशाना मिलिटेंट स्कूल के सैनिक
उनका निशाना मिलिटेंट इन्फैंट्री स्कूल के सैनिक थे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुहम्मद बलूच ने बताया की यह विस्फोट रेलवे स्टेशन के अंदर हुआ, जब पेशावर जाने वाली एक्सप्रेस अपने गंतव्य के लिए रवाना होने वाली थी।
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अब्दुल सत्तार ने पुष्टि की, मृतकों में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। आपातकालीन सेवाएं तुरंत भेजी गईं और घायलों को क्वेटा के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां अस्पताल में इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है।
हमलावर स्टेशन के खुले प्रवेश द्वार से घुसे, उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जांच शुरू कर दी है तथा सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस और फ्रंटियर कोर को तैनात किया गया है।
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ट्रेन आने से पहले ब्लास्ट
पाकिस्तानी रिपोर्ट के मुताबिक जाफर एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से ठीक पहले यह हादसा हुआ। एक सीनियर पुलिस अफसर ने कहा कि ट्रेन को 9 बजे पेशावर के लिए रवाना होना था। हादसे के वक्त यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्लास्ट के वक्त प्लेटफॉर्म पर 150 से ज्यादा लोग थे।
मीडिया से बात करते हुए प्रवक्ता शाहिद रैंड ने कहा कि यह विस्फोट एक सुसाइड ब्लास्ट (आत्मघाती बम) विस्फोट प्रतीत होता है, तथा उन्होंने पुष्टि की कि कई पीड़ितों की हालत गंभीर बनी हुई है। सात घायलों की हालत गंभीर है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने पुल उड़ाया था, डेढ़ महीने बाद शुरू हुई थी ट्रेन
26 अगस्त को BLA ने रेलवे पुल को ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इसके बाद क्वेटा और पेशावर के बीच रेल सेवा बंद हो गई थी। करीब डेढ़ महीने बाद 11 अक्टूबर से दोबारा दोनों शहरों के बीच ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू कर गई थी। जिसमें कोलपुर और माच के बीच एक महत्वपूर्ण रेलवे पुल नष्ट हो गया था।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने पुलिस स्टेशनों, रेलवे लाइनों और राजमार्गों को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमे हमलों में कम से कम 73 लोग मारे गए थे – जिनकी जिम्मेदारी भी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली थी।
पाकिस्तान PM शहबाज शरीफ बोले- दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की निंदा की है। पाकिस्तान PM बोले- दोषियों को नहीं बख्शेंगे, उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
उन्होंने कहा निर्दोष नागरिकों को लगातार निशाना बनाए जाने पर अपना रोष व्यक्त किया तथा कहा कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने बम विस्फोट की निंदा की तथा घटना की तत्काल जांच का आदेश दिया।
बलूचिस्तान चाहता क्या है
बलूचिस्तान के जनता शुरू से ही पाकिस्तान का हिस्सा बनकर नहीं रहना चाहते। इनका आरोप है कि पाकिस्तान इन्हें दूसरे नंबर का नागरिक मानता है।
पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत बलूचिस्तान है और प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से सबसे समृद्ध है, लेकिन यह क्षेत्र सबसे कम विकसित हुआ है।
यह क्षेत्र ईरान और तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान के साथ अस्थिर सीमा साझा करता है, तथा अरब सागर के साथ इसकी विशाल तटरेखा भी है।
यह उग्रवादी अलगाववादी समूह पाकिस्तान से इस क्षेत्र की आजादी के लिए दशकों से विद्रोह चला रहा है।
बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन 1970 के दशक में हुआ था। पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका इसे आतंकी संगठन मानते हैं।
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