
पुष्पक एक्सप्रेस हादसे में गोंडा-बहराइच के 3 लोगों की मौत और 7 घायल हो गए हैं। परिजनों को शवों को एम्बुलेंस में रखकर स्वयं लाना पड़ा। उन्होंने बताया कि शवों को घर वापस लाने में काफी समय लग गया, लगभग पूरा एक दिन। ट्रेन दुर्घटना में 12 लोगों की दुखद मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
हालात कुछ भी अच्छे नहीं थे। सभी लोग बहुत डरे हुए थे। रात को उन्होंने हमसे कहा कि हम सुबह 6 बजे जांच करके शव वापस ले सकते हैं। लेकिन बाद में 10 बजे उन्होंने कुछ और कहा। जब हम परेशान हो गए और बहस करने लगे, तो आखिरकार उन्होंने हमें सुबह 3:40 बजे शव वापस दिया। ट्रेन हादसे के बाद नसीरुद्दीन के भाई ने यही कहा।
पुष्पक एक्सप्रेस हादसे में गोंडा-बहराइच के 3 लोगों की मौत और 7 घायल

18 साल के नसीरुद्दीन की मौत के बाद उसका भाई सलाहुद्दीन उसका शव एंबुलेंस से घर ला रहा है। सलाहुद्दीन ने बताया कि उन्होंने शव घर भेजने के लिए कहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। उन्हें कहा गया कि शव ट्रेन से भेजा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भूख से व्याकुल यात्रियों ने जब रेलवे के अधिकारियो से भोजन की मांग की तो किसी ने खाना तक नहीं दिया। थोड़ी बहस के बाद आखिरकार शाम को उन्हें खाना मिला। गुरुवार दोपहर 3 बजे वे महाराष्ट्र के जलगांव अस्पताल से निकले।

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सलाहुद्दीन मुंबई में थे, लेकिन रात में अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सरकारी एम्बुलेंस के लिए कहा, लेकिन इसमें बहुत समय लग गया, इसलिए उन्होंने खुद ही एम्बुलेंस का भुगतान करने का फैसला किया। उन्हें खर्च के लिए 50,000 रुपये नकद मिले थे। एम्बुलेंस की कीमत 43,000 रुपये थी।
उन्हें अस्पताल, रेलवे और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, जो उनसे कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए कहते रहे। महाराष्ट्र के जलगांव अस्पताल से यह 1200 किलोमीटर की लंबी यात्रा है, जिसमें उन्हें घर पहुंचने में लगभग 24 घंटे लगेंगे।
यूपी में दो लोगों की मौत और 9 अन्य घायल हुए

ट्रेन दुर्घटना हुई, जिसमें बहुत से लोग घायल हुए। दुखद बात यह है कि यूपी के दो युवक मारे गए। उनके नाम नसरुद्दीन और बब्बू थे। अब तक इस दुर्घटना में 12 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है, और इस हादसे मे कई लोग घायल हुए हैं।
घायलों में कुछ लोगों के नाम अबू, हकीम और मोहम्मद हैं, जो श्रावस्ती नामक जगह से हैं। बहराइच के कुछ और लोग भी घायल हुए हैं। उनके परिवार वाले यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे कैसे हैं।
ट्रेन दुर्घटना में 12 लोगों की दुखद मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। जलगांव के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने कई घायलों की मौत की पुष्टि की है। मरने वालों के प्रत्येक परिवार को 50,000 रुपए की सहायता राशि दी गई है।
मरने वालों में कुछ लोग भारत के गोंडा और बहराइच के

मरने वालों में कुछ लोग भारत के गोंडा और बहराइच के अलावा नेपाल के भी हैं। मृतकों में नसरुद्दीन, बाबू खान, इम्तियाज अली, कमला नवीन भंडारी, लक्ष्मीराम पासी, मैसारा कामी, हेमंत विश्वकर्मा, नंदराम विश्वकर्मा और अन्य शामिल हैं। एक व्यक्ति ऐसा भी है जिसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
दुर्घटना में घायल हुए लोगों को विघ्नहर्ता पचौरा और वृंदावन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनकी मदद के लिए पैसे दिए गए। गंभीर रूप से घायल हुए हर व्यक्ति को 50,000 रुपये दिए गए। इसमें हसन अली, विजय कुमार, उत्तम हरिजन, धरम सावंत और अबू मोहम्मद नाम के पांच लोग शामिल हैं।
मोहरम, हकीम अंसारी, दीपक थापा और हुजला सावंत जैसे कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें थोड़ी बहुत चोट लगी थी, जिन्हें 5-5 हजार रुपये दिए गए। कुल मिलाकर अस्पतालों ने सभी की मदद के लिए 2,70,000 रुपये दिए हैं।
रेलवे में काम करने वाली इति पांडे ने बताया कि दुख की बात है कि दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई है और 9 लोग घायल हैं, जिनमें से 4 को बहुत गंभीर चोटें आई हैं। अभी भी एक व्यक्ति है जिसकी पहचान नहीं हो पाई है।
आखिर पुष्पक एक्सप्रेस मैं ऐसा घटना कैसे हुआ

पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में उस समय हड़कंप मच गया जब अचानक फायर अलार्म बज उठा। यात्री इतने डर गए कि आग लगने का डर सोचकर ट्रेन से कूदने लगे। एसी कोच में मौजूद एक रेलवे कर्मचारी ने बताया कि अलार्म डी-3 जनरल कोच में बजा, जिससे सभी को लगा कि आग लग गई है।
कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन दूसरी पटरी पर आ रही थी। उसने हॉर्न नहीं बजाया, इसलिए लोगों को पता नहीं चला कि वह पास में है। इस वजह से कुछ लोग ट्रेन की चपेट में आकर घायल हो गए। लेकिन ट्रेन में आग नहीं लगी।
दरअसल, पुष्पक एक्सप्रेस में आग नहीं लगी थी। माना जा रहा है कि कोई सिगरेट या बीड़ी पी रहा होगा, जिससे फायर अलार्म बज गया। ट्रेन के मुख्य द्वार के पास एक खास सेंसर लगा होता है, जो सभी को चेतावनी देकर सुरक्षित रखने में मदद करता है। हालांकि, इस बार अलार्म इसलिए बजा क्योंकि किसी ने इसका गलत इस्तेमाल किया। कई बार यात्री बाथरूम में धूम्रपान करते हैं और इसी वजह से अलार्म बजता है।
कर्नाटक एक्सप्रेस नामक ट्रेन यशवंतपुर से हजरत निजामुद्दीन जा रही थी। उसी समय पुष्पक एक्सप्रेस नामक एक अन्य ट्रेन लखनऊ से मुंबई जा रही थी। एक रेलकर्मी ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के एक पहिए से कुछ चिंगारियां निकलीं, क्योंकि यह बहुत गर्म थी या ब्रेक फंस गए थे। इससे ट्रेन में सवार कुछ लोग डर गए, इसलिए उन्होंने इमरजेंसी चेन खींच दी और कुछ लोग ट्रेन से कूद भी गए।